Sunday, October 9, 2022

विशाल एक दिवसिय गुरुदर्शन संत समागम मेला भंडारपुरी धाम 6 अक्टूबर 2022

 परमपूज्य शूरवीर महान प्रतापी राजागुरु धर्मगुरू बालकदास बाबाजी के सम्मान में परंपरागत होने वाला विशाल एक दिवसिय गुरुदर्शन संत समागम मेला भंडारपुरी धाम 6 अक्टूबर 2022 दिन गुरुवार को

 हे प्रिय संतसमाज यह पल हमारे जीवन में बहोत खास होता है 1 साल में 1 बार आता है।

इस दिन राजागुरू गुरु बालकदास साहेब जी राजा की उपाधि प्राप्त कर पहले बार अपने घर गुरुद्वारा मोती महल पधारे थे (हाथी की सवारी, शाही राज मुकुट, राजशी वेशभूषा, हाथ में 
(राजा गुरु धर्म गुरु बाल दास बाबा जी ) 
राजशाही नंगी तलवार) सतनाम सेना दल बल अंग रक्षक सरहा जोधाई राजमहन्त भंडारी सटीदार प्रमुख सियान के साथ उपस्थित मानव समाज को दिव्य अनुपम दर्शन आशीर्वाद दिए थे वह पल इतना खुशी उमंग प्रसन्नता गौरव शाली था लोग फुले नई समा रहे थे खुशी से पूरे छेत्र वशीगण के आंखे नम थी पंथी गाते नाचते झूमते छोटे से छोटे बच्चे माता बहन बुजुर्ग सियान जैसे ही सूचना • मिला की गुरु आने वाले है तो लोग अपने घरों से आरती की थाली सजा कर तयार हुए युवा साथी शोर्य प्रदर्शन करने के लिए अस्त्र शस्त्र लेकर निकले और गांव के मेड़ों से स्वागत परघा कर लायेंगे कर के जैसे ही पहुंचे इतना खुशी इतनी भीड़ हर कोई नाचते गाते पंथी नृत्य करते मोती महल तक पहुंचे गुरु के दर्शन प्राप्त कर लोग बेहत खुश थे

क्योंकि ऐसे समय में राजा की उपाधि प्राप्त की थी जब भारत देश गुलाम था और भारत के सभी राजा अंग्रेजी शासन के गुलाम थे पर राजागुरु बालकदास साहेब जी जागृति के आंधी की तरह काम किए लोगो के मसीहा बने सतनाम सेना साज कर हर सुख दुख में साथ खड़े हुए लोग बाबाजी के साथ कंधा से कंधा मिला कर आगे बढ़े उनके न्याय नीति क्रयाकुशलता हौसला ताकत शक्ति के सामने अंग्रेजी शासन को घुटना टेकना पड़ा और बाबाजी को पहला सतनामी राजा बनाना पड़ा लोगो को उनके हक अधिकार को प्राप्त कराए शिक्षा का द्वार खोले महिलाओं को बराबरी का सम्मान मिला दहेज प्रथा सती प्रथा छुआ छूत ऊंच नीच भेद भाव समाप्त हुआ समाज तेज गति से विकाश करने लगा। वही पल को याद करते स्मरण करते 1821 इसवी से आजतक वही गुरु दर्शन संत समागम मेला आयोजित होता रहा है हमारे पूर्वज इस ऐतिहासिक पल के साक्षी रहे है अब हम सब भी इस मेले में आकर वही ऐतिहासिक पल को जी सकते है क्योंकि वही वस्त्र वही तलवार वही राज मुकुट को धारण कर राजागुरू धर्मगुरु बालदास साहेब उपस्थित मानव समाज को दर्शन देते हुए अधिक से अधिक जनसंख्या में सभी संत समाज मानव समाज गुरु दर्शन प्राप्त किए और समाज के आन बान शान ताकत शक्ति को दिखाएं.......!
                          .                                                                                               साहेब सतनाम
                                                                                                                           संजीव कुमार