Monday, April 27, 2020

केशकाल घाटी

( केशकाल घाटी )
संजीव कुमार 
केशकाल घाटी :-  बारह भाँवर ... केशकाल के ......! दोस्तो आप मे से अधिकांश लोगो ने केशकाल घाटी का नाम सुना होगा , इस खतरनाक घाटी मे रोमांचक य़ात्रा की होगी , बस उन्ही स्मृतियो को पुन जीवंत करने के लिये आज मैं आपको केशकाल घाटी से जुड़े अपने अनुभवो से रूबरू कराता हूँ. केशकाल घाटी दंडकारण्य के पठार पर चढ़ने का मुख्य प्रवेश द्वार है. यह घाटी चढ़कर ही हम बस्तर के पठारी भू भाग् पर आवागमन कर सकते है. इस घाटी का इतिहास काफी पुराना है. इस घाटी ने बस्तर के नाग चालुक्य राज्य पर कई आक्रमण असफल किये है. हिमालय की तरह इस घाटी पर्वत ने बस्तर की सुरक्षा की है. इस घाटी ने बस्तर एवं कांकेर राज्य की सीमा निर्धारण का कार्य किया है. नाग राजा सोमेश्वर देव ने घाटी पार कर रतनपुर के कलचुरियो को अधीन कर लिया था. अन्नमदेव ने भी घाटी से आगे बढ़कर सिहावा तक बस्तर राज्य की पताका फहरा दी थी. कांकेर राजा से घाटी का निचला ग्राम दादरगढ भी अन्नमदेव ने उपहार मे प्राप्त किया था. कहते है कि वर्तमान केशकाल मे कभी केशलू नाम का माहरा रहता था जिसके नाम पर ही यह गांव केशकाल एवं गांव से लगी घाटी केशकाल घाटी कहलायी. इस घाटी के नाम मे ही इसकी विशेषता छूपी हुई है. इस घाटी के मोड़ एवं गहरी खाईय़ा वाहनो को लील जाने के लिये हरदम तैयार रहती है. नजर हटी और दूर्घटना घटी, केश भर का ही अंतर रहता है काल के गाल मे समाने का. इसलिये तो यह केशकाल है. इस घाटी मे तेलिन सत्ती माता का भी मन्दिर है ज़िसके कारण यह तेलिन  सत्ती घाटी भी कहलाती है. मां के सम्मुख सिर झुकाकर हर य़ात्री अपनी मंगलमयी य़ात्रा की कामना करता है. 12 भांवर (मोड़ ) वाली इस घाटी मे सड़क मार्ग से आवागमन लगभग 120 वर्ष पूर्व प्रारम्भ माना जाता है। तब से आज तक उस संकरी घाटी की चौडाई की वृद्धी के लिये अनेको प्रयास हुए है. यह घाटी अब लगभग बेहद चौड़ी एवं भयमुक्त घाटी बन गई है. यह घाटी बस्तर को छतीसगढ से जोड़ने वाली सड़क का सबसे मुख्य पड़ाव व लाइफ लाइन  है.. 

                           केशकाल शांतिमय नगर के  नाम से जाना  जाता है यहाँ पर बहुत सुन्दर पर्यटक स्थल है जैसे टाटामारी, गोबरहीन ,कूएमारी , इत्यादि  इन जगहों पर देश विदेश के पर्यटक देखने जानने या शोध  करने के  लिए आवागमन  रहता है केशकाल बहुत प्रसिद स्थल व नगर है , जहा पर अनेको धर्म के मांनने वाले अनेको सम्प्रदाय के लोग शांतिपूर्ण से निवाश करते है..