जय संविधान,
मैं भारत देश का निवासी संजीव कुमार , "विधि" का छात्र हूं । मेरे जीवन का उद्देश्य लोगों को अधिक से अधिक स्रोतों से प्रेरित करना है। मैं अपनी सभी प्रतिभाओं को सकारात्मक तरीके से उपयोग करना चाहता हूं, यह ब्लॉग मेरे लक्ष्य के लिए एक छोटा सा प्रयास है।
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Wednesday, May 21, 2025
झील किनारे तन्हा खड़े
झील किनारे तन्हा खड़े, कुछ ख्वाब पुराने जाग उठे,
पानी में चाँद उतर आया, ज्यों दिल के राज़ बयां हुए।
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